कामांध समूह की लौंडी है सेक्यूलरिज्म

इंग्लैंड के एक राजा परकामुकता सवार होती है,
एक महिला को पाने की जिद।
इसायित को संगठन के तौर पर इस्तेमाल कर रहा
एक गिरोह उसकी राह में खड़ा होता है.
हर तरह की तिकड़मबाजी और घूसखोरी
चलती है,लेकिन अंदर खाते।
नीति, कूटनिती को ताक पर रखकरवह राजा आगे बढ़ता है
इसायित की चाबूक से त्रस्त जनताराजा के पक्ष में कमर कसती है।
धर्म को राजनीति से बेदखल करते हुये राजा
अपनी जिद पूरा करता है..
अपनी मन पसंद महिला को अपनी
बाहों में भरता है, वैधानिक तरीके से।
और इसके साथ ही धर्म पर
राज्य की विधि स्थापित होती है
और यहीं से सेक्यूलरिज्म का बीज छिटकता है.
सेक्यूलरिज्म एक कामांध राजा के दिमाग की उपज है..
.और अब इसका इस्तेमाल
सत्ता के लिए कामांध समूह कर रहा है..अनवरत।
विज्ञान कहता है,कोई भी चीज निरपेक्ष नहीं होती
सेक्यूलरिज्म कामांध समूह की लौंडी है, बजाते रहो.

Comments

  1. बहुत सुंदर कविता लिखी आप ने .
    धन्यवाद

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