tag:blogger.com,1999:blog-995679880272695615.post9041862455311711178..comments2024-03-11T07:53:35.778+05:30Comments on इयत्ता: क्लाइव या मैकाले - किसे पहले जूते मारेंगे आप?इष्ट देव सांकृत्यायनhttp://www.blogger.com/profile/06412773574863134437noreply@blogger.comBlogger6125tag:blogger.com,1999:blog-995679880272695615.post-21999856172075254912020-08-16T21:02:49.113+05:302020-08-16T21:02:49.113+05:30जूते तो इनके मानस पुत्रो को पडने चाहिये जूते तो इनके मानस पुत्रो को पडने चाहिये सन्दीप रघुवंशीhttps://www.blogger.com/profile/14091087604783280501noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-995679880272695615.post-86838759102271299142007-12-20T23:56:00.000+05:302007-12-20T23:56:00.000+05:30भाई ईष्टदेव जी, उम्दा सोच की बात का ध्यान रखा जाएग...भाई ईष्टदेव जी, उम्दा सोच की बात का ध्यान रखा जाएगा। उनकी बात में सारतत्व है। दरअसल मैं भारतीय इतिहास को लेकर एक वैकल्पिक सोच (गलत या सही)की ओर सभी मित्रों का ध्यान आकृष्ट करना चाहता हूं। हाशिए का इतिहास तो लिखा नहीं जाता। हाशिया हमेशा गुरिल्ला तरीके से इतिहास में घुस जाता है।दिलीप मंडलhttps://www.blogger.com/profile/05235621483389626810noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-995679880272695615.post-83350762747577157062007-12-20T19:48:00.000+05:302007-12-20T19:48:00.000+05:30दोनों अपना अपना काम कर रहे थे । यदि कोई अपराधी था ...दोनों अपना अपना काम कर रहे थे । यदि कोई अपराधी था तो वे हम थे जो अपने देश को गुलामी से ना बचा सके ।<BR/>घुघूती बासूतीghughutibasutihttps://www.blogger.com/profile/06098260346298529829noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-995679880272695615.post-34450257832169432892007-12-20T17:40:00.000+05:302007-12-20T17:40:00.000+05:30भाई उम्दा सोच जी ने बड़ी अच्छी बात कही है दिलीप जी....भाई उम्दा सोच जी ने बड़ी अच्छी बात कही है दिलीप जी. हमें एक बार उनके सुझाव पर गौर करना चाहिए.इष्ट देव सांकृत्यायनhttps://www.blogger.com/profile/06412773574863134437noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-995679880272695615.post-75591197012178510182007-12-20T17:03:00.000+05:302007-12-20T17:03:00.000+05:30दिलीप भाई! इन्हे जूता मारने से क्या हासिल होगा?वे ...दिलीप भाई! इन्हे जूता मारने से क्या हासिल होगा?<BR/>वे इस कदर गलत भी नही थे क्योकि वे जो कर रहे थे अपने राष्ट्र हित मे कर रहे थे !<BR/>यदि जूता मारने का मन ही बना लिया है तो क्रिपया उन्हे मारिये जो अपने ही देश को आज लूट रहे है वे नेता जातवादी अलगाववादी भ्रष्टाचारी,उन्हे जूता मारने के लिये बस थोडा सा चलना होगा !कम से कम ब्रितानिया तक तो नही जाना होगा!और उतने ही जूते उन्हे भी मारिये जो आज अंग्रेज़ियत सभ्यता के दुम्छल्ले बने फ़िरते है!उम्दा सोचhttps://www.blogger.com/profile/08616299859031751426noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-995679880272695615.post-8597832261767270442007-12-20T12:30:00.000+05:302007-12-20T12:30:00.000+05:30दिलीप भाई, सवाल को संशोधित भी करें...पहले किसे जूत...दिलीप भाई, सवाल को संशोधित भी करें...<BR/>पहले किसे जूते मारेंगे कि बजाय "पहले किसे, कितने, जूते मारेंगे और सिर्फ़ जूते ही क्यों मारेंगे" यह ठीक रहेगा... :) :)Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/02326531486506632298noreply@blogger.com