tag:blogger.com,1999:blog-995679880272695615.post2939713640880496060..comments2024-03-11T07:53:35.778+05:30Comments on इयत्ता: दुनियादारी का चलचित्रइष्ट देव सांकृत्यायनhttp://www.blogger.com/profile/06412773574863134437noreply@blogger.comBlogger7125tag:blogger.com,1999:blog-995679880272695615.post-17263043543948469232010-10-09T01:46:27.950+05:302010-10-09T01:46:27.950+05:30पढना चाहूंगी इस किताब को । राग दरबारी की याद आ गई ...पढना चाहूंगी इस किताब को । राग दरबारी की याद आ गई समीक्षा पढ कर ।Asha Joglekarhttps://www.blogger.com/profile/05351082141819705264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-995679880272695615.post-20987051392059594872010-09-25T21:06:14.817+05:302010-09-25T21:06:14.817+05:30पढ़ना पड़ेगा।पढ़ना पड़ेगा।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-995679880272695615.post-46126551011212589412010-09-25T15:09:12.482+05:302010-09-25T15:09:12.482+05:30मैं इस पुस्तक को जरूर पढ़ना चाहूंगा। हो सके तो वर्...मैं इस पुस्तक को जरूर पढ़ना चाहूंगा। हो सके तो वर्धा ले आइएगा। ९-१० अक्टूबर को आयोजित ब्लॉगिंग सेमिनार में तो आ ही रहे हैं।सिद्धार्थ शंकर त्रिपाठीhttps://www.blogger.com/profile/04825484506335597800noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-995679880272695615.post-25423290451800602022010-09-25T14:33:43.896+05:302010-09-25T14:33:43.896+05:30आलेख के आरम्भ में लगा कि आप उपान्यास के उक्त वाक्य...आलेख के आरम्भ में लगा कि आप उपान्यास के उक्त वाक्य के जरिये वर्तमान राजनीति के विषय में कह रहे हैं...<br />बाद में परा चला कि यह आपकी समीक्षा है उक्त उपन्यास पर.....<br /> <br />अंतिम कुछ पारा(समीक्षा वाली) छोड़ दें ,तो वर्तमान राजनितिक अवस्था,शिक्षा हो या और कहीं भी जहाँ परोक्ष अपरोक्ष रूप से राजनीति का स्पर्श भी है....सचमुच शत प्रतिशत यही स्थिति है...<br />पुस्तक पढने की उत्सुकता हो आई...<br /><br />यूँ समग्र रूप में इस आलेख में आपने उपन्यास और वर्तमान की राजनितिक स्थिति ,दोनों पर बहुत बहुत सटीक कहा है...रंजनाhttps://www.blogger.com/profile/01215091193936901460noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-995679880272695615.post-10861672730404248812010-09-25T11:42:20.802+05:302010-09-25T11:42:20.802+05:30सुन्दर समीक्षा.सुन्दर समीक्षा.P.N. Subramanianhttps://www.blogger.com/profile/01420464521174227821noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-995679880272695615.post-84700772802186391872010-09-25T11:32:14.008+05:302010-09-25T11:32:14.008+05:30पढ़ने की इच्छा होने लगी...पढ़ने की इच्छा होने लगी...भारतीय नागरिक - Indian Citizenhttps://www.blogger.com/profile/07029593617561774841noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-995679880272695615.post-68795951490241861422010-09-25T10:59:26.627+05:302010-09-25T10:59:26.627+05:30इष्ट देव जी, इस शानदार किताब के बारे में आज पहली ब...इष्ट देव जी, इस शानदार किताब के बारे में आज पहली बार पता चला, खोज कर पढता हूँ।<br />--------<br /><a href="http://ts.samwaad.com/" rel="nofollow">प्यार का तावीज..</a><br /><a href="http://ss.samwaad.com/" rel="nofollow">सर्प दंश से कैसे बचा जा सकता है? </a>Dr. Zakir Ali Rajnishhttps://www.blogger.com/profile/03629318327237916782noreply@blogger.com