tag:blogger.com,1999:blog-995679880272695615.post1257085076417294904..comments2024-03-11T07:53:35.778+05:30Comments on इयत्ता: एक श्रद्धांजलि उन्हें भीइष्ट देव सांकृत्यायनhttp://www.blogger.com/profile/06412773574863134437noreply@blogger.comBlogger13125tag:blogger.com,1999:blog-995679880272695615.post-13894981458471285172009-07-31T15:38:08.294+05:302009-07-31T15:38:08.294+05:30यही चिंता मेरी भी थी कि बेचारा शरीर अपनी वास्तविक ...यही चिंता मेरी भी थी कि बेचारा शरीर अपनी वास्तविक नियति को कैसे प्राप्त होगाalka mishrahttps://www.blogger.com/profile/01380768461514952856noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-995679880272695615.post-9949125195680532932009-07-11T15:42:04.193+05:302009-07-11T15:42:04.193+05:30बड़ी साहसिक श्रद्धांजली है महोदय, इस श्रद्धांजली म...बड़ी साहसिक श्रद्धांजली है महोदय, इस श्रद्धांजली में हमारा मौन .<br />राकेश 'सोऽहं'राकेश 'सोहम'https://www.blogger.com/profile/14741422962119256333noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-995679880272695615.post-13604029612032719582009-07-10T22:55:10.452+05:302009-07-10T22:55:10.452+05:30ऊपर एक टिप्पणी में इस आधार पर आपत्ति की गई है कि म...ऊपर एक टिप्पणी में इस आधार पर आपत्ति की गई है कि मृत आत्मा के सम्बन्ध में ऐसी श्रद्धांजलि असंस्कारिक है।क्या कहें, क्या केवल शारीरिक रूप से मर जाने से किसी के (कु) कर्म सुकर्म में बदल जाते हैं ? मनुष्य अपने कर्मों के आधार पर मृत्यु के बाद भी जीवित रहता है।केवल मर जाने से मनुष्य आदर का पात्र हो जाता तो समाज अब तक नाथूराम गोडसे, जनरल डायर और हिटलर को माफ कर चुका होता;सालों साल हजारों रुपये खर्च करके रावण दहन नहीं करता और शायद 26/11 के “महापुरुषों” को भी सहानुभूति देता(आखिर वे भी तो मर चुके हैं)।परंतु शायद लाख पतन के बावज़ूद अभी भी लोग जीवनमूल्यों और मानवोत्थान को ही महत्व देते हैं। चलिए, लोगों से कह दें कि प्रपंचों और विडम्बनाओं की आलोचना करना छोड दें!Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-995679880272695615.post-71600482488122093082009-07-09T18:46:31.241+05:302009-07-09T18:46:31.241+05:30भगवान उनकी आत्मा को शांति दें.भगवान उनकी आत्मा को शांति दें.Shivhttps://www.blogger.com/profile/05417015864879214280noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-995679880272695615.post-39096994933843724042009-07-09T14:19:32.084+05:302009-07-09T14:19:32.084+05:30हमारी तरफ से भी एक विनम्र श्रद्धांजलि!हमारी तरफ से भी एक विनम्र श्रद्धांजलि!अनिल कान्तhttps://www.blogger.com/profile/12193317881098358725noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-995679880272695615.post-63881446942473238932009-07-09T09:03:18.636+05:302009-07-09T09:03:18.636+05:30भाव भीनी श्रद्धान्जलिभाव भीनी श्रद्धान्जलिIMAGE PHOTOGRAPHYhttps://www.blogger.com/profile/07648170539684419518noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-995679880272695615.post-57940299968308721432009-07-09T08:41:32.614+05:302009-07-09T08:41:32.614+05:30इस श्रद्धान्जलि के हकदार उस मृतात्मा से अधिक वे है...इस श्रद्धान्जलि के हकदार उस मृतात्मा से अधिक वे हैं जो शारीरिक रूप से जिन्दा होकर भी अपनी मानसिक इहलीला समाप्त कर चुके हैं। एमजे ने ऐसी कई आत्माओं को भटकने के लिए इस धरा-धाम पर छोड़ दिया। ऊपर की एक टिप्पणी ऐसी ही किसी आत्मा ने कर दी है। भगवान ऐसी आत्मा को शान्ति प्रदान करें।सिद्धार्थ शंकर त्रिपाठीhttps://www.blogger.com/profile/04825484506335597800noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-995679880272695615.post-24797261274589320532009-07-09T08:02:30.431+05:302009-07-09T08:02:30.431+05:30सुस्वागतम!!
हमारी तरफ से भी एक विनम्र श्रद्धांजलि!...सुस्वागतम!!<br />हमारी तरफ से भी एक विनम्र श्रद्धांजलि!डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-995679880272695615.post-12513274346907391522009-07-08T23:23:56.874+05:302009-07-08T23:23:56.874+05:30व्यंगकार कभी कुंठित नहीं होता।अनावश्यक प्रपंचों, व...व्यंगकार कभी कुंठित नहीं होता।अनावश्यक प्रपंचों, विसंगतियों विडम्बनाओं, आधारहीन उडानों और नैतिक मूल्यों के मर्दन पर जब वह चोट करता है तो इनके समर्थकों को चुभता है। ट्राली की तरह पीछे पीछे चलना सबको अच्छा नहीं लगता। लटकों-झटकों से दुनिया का भला नहीं होने वाला। अगर इनकी आलोचना करने वाला कुंठित है तो आगे राम ही जाने........हरिशंकर राढ़ीhttps://www.blogger.com/profile/12775324076721036714noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-995679880272695615.post-29703662952143456492009-07-08T21:00:03.762+05:302009-07-08T21:00:03.762+05:30सच्ची श्रद्धांजलि तो आप ने ही व्यक्त की है महराज! ...सच्ची श्रद्धांजलि तो आप ने ही व्यक्त की है महराज! धन्यवाद आपको.इष्ट देव सांकृत्यायनhttps://www.blogger.com/profile/06412773574863134437noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-995679880272695615.post-20997296653438454002009-07-08T20:50:13.247+05:302009-07-08T20:50:13.247+05:30हमारी तरफ से भी.....हमारी तरफ से भी.....डॉ. मनोज मिश्रhttps://www.blogger.com/profile/07989374080125146202noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-995679880272695615.post-27045471494585907532009-07-08T20:40:43.744+05:302009-07-08T20:40:43.744+05:30आपके कथ्य में कुछ जरुरत से ज्यादा कुंठित मासिकता, ...आपके कथ्य में कुछ जरुरत से ज्यादा कुंठित मासिकता, व्यक्तिगत सीमा में बँधकर उजागर हो रही है और कर ही क्या सकते हैं.Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-995679880272695615.post-86524435019497991032009-07-08T19:59:23.572+05:302009-07-08T19:59:23.572+05:30Radhi ji app sachmuch Radi hai. Wha!!!!!! mrat vya...Radhi ji app sachmuch Radi hai. Wha!!!!!! mrat vyakti ke atma ki shanti ke liye app ke udgar wakai main gazab hai. App ki "Sanskarik" Shradhanjali ke liye App ka Naman."तिनका" https://www.blogger.com/profile/12013680023441566562noreply@blogger.com