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Showing posts from November, 2010

आप क्या तय कर रहे हैं?

बिहार चुनाव के नतीजों ने पूरी भारतीय राजनीति को झकझोर दिया है. जाति-धर्म-क्षेत्र जैसे झूठे मुद्दों पर बन्दर की तरह नाचने वाले देसी मतदाताओं ने इन छलावों को मेटहे में बन्द कर लोकतंत्र की बहती नदी की तीव्र धारा के हवाले कर दिया है. बबुआ का जादू भी नहीं चला. स्विस बैंक के खुलासे सामने हैं और आम भारतीय उनमें रुचि ले रहा है. ग़ौर करने की ज़रूरत है, यह लगभग वैसा ही दौर है, जैसा राजीव गान्धी के दौर में हुआ था. आम आदमी का ध्यान पहली बार ख़ास लोगों के काले कारनामों की ओर गया था और जिसने झूठमूठ मुद्दा बना कर जनता को बहकाया था उसी ने मदारी के झोले से मंडल कमीशन की सिफ़ारिशों का ख़तरनाक सांप निकाल दिया था. कांग्रेस को छात्र नेताओं के जरिये अपनी राजनीति चमकाने का मौक़ा मिल गया और उसने तुरंत पिछले दरवाज़े से छात्र नेताओं को हवा देकर आत्मदाहों का दौर चलवा दिया. पूरे देश में लगभग ख़त्म हो चुका जातिवाद नए सिरे से स्थापित हो गया. यह न तो अकेले कांग्रेस की चाल थी, न वीपी सिंह की और न भाजपा की. वस्तुतः यह इन सबकी मिली-जुली चाल थी. इस बात पर व्यापक ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य में सोचने की ज़रूरत है. हम फिर एक कठिन दौर

युधिष्ठिर का कुत्ता

(यह व्यंग्य 'समकालीन अभिव्यक्ति' के 'वक्रोक्ति' स्तम्भ में प्रकाशित हुआ था। यहां इसे दो किश्तों में दिया जा रहा है।) मैं धर्मराज युधिष्ठिर का कुत्ता बोल रहा हूँ। पूरी सृष्टि और पूरे इतिहास का वही एक्सक्ल्यूसिव कुत्ता जो उनके साथ स्वर्ग गया था। अब मैं स्वर्ग में नहीं हूँ। किसी धरती जैसे ग्रह पर मैं वापस आ गया हूँ और समझने का प्रयास कर रहा हूँ कि कहीं उसी भारतवर्ष में तो नहीं हूँ जहां से युगों पहले स्वर्ग गया था। ऐसा इसलिए हो सकता है क्योंकि यहाँ के बारे मे यह प्रचार है कि धरती का स्वर्ग भारतवर्ष ही है, देवभूमि है।जब बिना सत्कर्म के ही मैं धरती से स्वर्ग ले जाया जा सकता हूँ तो वहां से अकारण तो मैं नर्क में फेंका नहीं जा सकता । जो भी हो ,जब मैं अपने महाभारत काल की पारिवारिक, सामाजिक और राजनैतिक परिस्थितियों का मिलान यहां की आज की परिस्थितियों से करता हूँ तो लगता है कि मैं उस देश ही नहीं अपितु उसी काल में वापस लौट आया हूँ। कभी - कभी तो भ्रम होने लगता है कि मैं धर्मराज के साथ स्वर्ग गया भी था या नहीं! कहीं गहरी नींद में सो तो नहीं रहा था ? मैं धरती का सबसे सफल

शुभ कामनाएं

इयत्ता के सभी सहयोगियों , सहधर्मियों , पाठकों और अतिथियों को प्रकाश पर्व दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें । ईश्वर करे कि दीयों का प्रकाश अंतर तक को आलोकित कर दे।

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